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*आखीर चाइना के पेट मे दर्द क्या है* - जान के आप भी चोंक जाएंगे -
1. *दलाई लामा* तिब्बत (Tibet) में काफी प्रभावी हैं, वहा की प्रजा उन्हें भगवान् मानती है, *चीन सरकार दलाई लामा को बंदी* बनाने वाली थी तब दलाई लामा ने भारत की शरण ली, और चीन के विरोध के बावजूद भारत ने दलाई लामा को शरण दी, बस इस बात से चीन खफा हो गया और उसने *मसूद अज़र को सपोट* करना सुरु किया और जब भी भारत मसूद को UN में आंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने मांग करता है तब चीन उसमे रोड़े दाल के दलाई लामा की याद दिलाता है. यानी चाईना दलाई लामा को मसूद अज़र के बराबर मानता है, जी हां, वो उन्हें कई बार आतंकी कह चुका है.
2. *मेक इन इंडिया से काफी नुकसान.* मेक इन इंडिया जब से सुरु हुआ है तब से चीन काफी गभराया हुआ है, क्यों की इस से सिर्फ भारत का बाजार खोने का डर नहीं *बल्कि भारत दूसरे देशों के बाजारों में भी चीन को चुनौती* देगा इसका बड़ा डर है, मेक इन इंडिया की वजह से भारत में चाइना का अभी तक ६% मार्केट कम हुआ है
3. *मेलेरीगामी टेक्निक* से स्कील डेवेलोप करना. 35 साल पहले गरीब चाइना की गरीब प्रजा सिर्फ खेती करना जानती थी. तो मेड इन चाइना सुरु करने के लिए चाइना ने भी स्किल डेवलोपमेन्ट किया. और ये करने में बड़ी आसानी हुई *भारत की ही एक प्राचीन विद्या जिसका नाम 'महा आयामी' था* जो बाद में विश्व मे 'मेलेरीगामी (Melerigamy) नाम से जानी जाती है, ये एक छोटी सी विद्या से इंसान की शारीरिक और *बौद्धिक चपलता में 20 गुना बढ़ोतरी होती है,* जिस वजह से चीन इस विद्या को दबा के रखना चाहता था, किन्तु भारत सरका Skill Development प्रोग्राम के तहत ये टेक्निक सब को बांटना चाहती है, जिस से चाइना के पेट मे आग फेल गई है. आयुर्वेद के भी काफी सारे फ़ॉर्मूलास चाइना ने पेटेंट करवा रखे हैं और वो भारत को उसके इस्तेमाल पर मनाही फरमाता है!
4. *ट्रंप/अमरीका का विश्व राजनीति से विदा होना* ट्रंप ने *अमेरिका फर्स्ट* का नारा दे कर विश्व में ज्यादा दखल ना देने की नीति अपनाई है, जिससे चीन का कान पकड़ने वाला अब कोई रहा नही, इसलिए चीन मौके का फायदा उठाकर आसपास की जीतनी जमीन हड़प सके उतनी अभी ट्रंप के समय मे ही हड़पना चाहता है.
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